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EID UL AZHA ECONOMIC IMPACT, Impact of Eid ul Adha on Economy, Report B...

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India Vs China 21वीं सदी का विश्वयुद्ध? India Master Plan Ready to Defea...

राष्ट्रवाद के लिए कुछ भी करेगा ! ................................................ बहुत सारे मित्र यह सोचकर परेशान हैं कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए संघियों को जे.एन.यू कैंपस में क्यों सी.सी.टी.वी कैमरा चाहिए और बी.एच.यू कैंपस में क्यों नहीं ? अब इन भोले लोगों को कौन समझाए कि देशद्रोहियों की छेड़खानी और राष्ट्रवादियों की छेड़खानी में बहुत फ़र्क होता है। लड़कियों के साथ देशद्रोहियों की छेड़छाड़ से जहां पाकिस्तानी आतंकी हाफ़िज़ सईद, चीन के विश्वासघाती चिन पिंग और उत्तर कोरिया के खूंखार तानाशाह किम जोंग को ताक़त मिलती है, वही राष् ट्रवादियों की छेड़छाड़ से देश में राष्ट्रवाद की जड़ें मज़बूत होती हैं। इसके साथ अगर गाय-गोबर-गोमूत्र, नोटबंदी, जी.एस.टी, महंगाई, बेरोज़गारी, पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़ते भाव, रेल के डायनामिक टिकट रेट और सौ परसेंट एफ.डी.आई को भी जोड़ दिया जाय तो राष्ट्रवाद की भावना छलांग मारकर सौ गुना तक बढ़ जा सकती है। छेड़खानी का महत्व समझते हुए ही उत्तर प्रदेश के दूरदर्शी समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव प्रदेश की भलाई के लिए बलात्कार जैसे अपराध को भी लड़कों की गलती मानकर भूल जाने
बर्मा के मुस्लिम  दूर का ढोल सुहाना लगता है ||| कुछ दिनों से रोहिंगिया मुसलमानों के लिए काम करने वाले सिक्खों की तारीफ में कसीदे सोशल साइट्स पर टहल रहे हैं, कुछ हद तक की जानी वाली कसीदा खानी तक तो बात ठीक ही रही लेकिन कुछ एहसासे कमतरी के मारे मुसलमानों ने उसे ढेला बनाकर मुसलमानों पर उछालना शुरू कर दिया और ताना मारना शुरू कर दिया की मुसलमान कुछ नहीं कर रहा है जबकि हकीक़त ये है की रोहिंगिया मुसलमानों के लिए सबसे ज्यादा रिलीफ़ वर्क मुस्लिम संगठनों की तरफ़ से ही किया जा रहा है || लेकिन एहसासे कमतरी म ें नाक तक डूब चुके मुसलमानों को इतनी अक़ल भी नहीं बची है की वो गूगल ही करके सही जानकारी ले लें की वहां जो रिलीफ वर्क हो रहा है उसका नब्बे फीसद से ज्यादा मुस्लिम संगठन ही कर रहे हैं || मुसलमानों में एहसासे कमतरी में डूबे लोगों की पूरी एक फ़ौज है जो मुस्लिम तंजीमों द्वारा जान की बाज़ी लगाकर किये जाने वाले कामों को कोई अहमियत नहीं देता है, उसका ज़िक्र तक नहीं करता है जबकि कोई नॉन मुस्लिम अगर सिर्फ नाख़ून कटा ले तो प्रोपगेंडा कर करके, कसीदा पढ़ा पढ़ के उसे शहीद बना देता है || न
मित्रों , पैलेट गन सरकार कहीं रखकर भूल गयी, कश्मीर पहुँचते ही याद आजायेगा ! क्या पैलेट गन राम रहीम के गुंडों पर वर्जित है या फिर दाल काली है ? राम रहीम उर्फ़ ढोंगी बाबा को इतने दिनों तक छुपा कर किसने रखा था ? क्या सरकार उनके समर्थको उर्फ़ गुंडों से निपटने में कामयाब हो पायेगी ? कमेन्ट में जरुर बताएं !
समाज की बेड़ियाँ  बहुत दिन बाद दिमाग पर कुछ चोट लगी जिसे अशआर की शकल में आपके सामने पेश करता हूँ ! बचपन से हमें मन घडंत बाते समझाई जाती है और हम मानसिक गुलाम बन कर रह जाते है , अर्ज किया है की- बचपन से डाली गयी दिमाग पर बेड़यां , हम आज़ादी की चाह कहाँ तक करते !! कदम कदम पर घसीटती है रस्में , रिश्ता टूट गया , निबाह कहाँ तक करते !! हर शख्स ने मारा है ताक कर पत्थर मुझे अजनबी थे शहर में,आह कहाँ तक करते !! ....... कुछ लोगो की आदत होती है जब तक किसी के काम में कोई कमी न निकाल दें उनका खाना हज़म नही होता - पेश है कि - मेरे हर काम में निकाल देता है वो कमी , हम आदमी थे इसलाह कहाँ तक करते !! .......... गुजरात , दादरी हत्या , बटला हॉउस इनकाउन्टर , मुजफ्फरनगर, हाशिमपुरा का कत्ले आम और फैजाबाद का प्रायोजीय दंगा सामने रख कर ये शेर देखें कि - मेरे एक-एक तिनके पर जालिम की नजर थी , हम देश बचाने की परवाह कहाँ तक करते !! मुझे अपनों ने महफ़िल से कर दिया बाहर अशरफ , उनकी शिकायत थी कि वाह-वाह कहाँ तक करते !! My youtube videos link jio फोन की अच्छाई- बुराई : https://youtu.be/q 5