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राष्ट्रवाद के लिए कुछ भी करेगा !

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बहुत सारे मित्र यह सोचकर परेशान हैं कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए संघियों को जे.एन.यू कैंपस में क्यों सी.सी.टी.वी कैमरा चाहिए और बी.एच.यू कैंपस में क्यों नहीं ? अब इन भोले लोगों को कौन समझाए कि देशद्रोहियों की छेड़खानी और राष्ट्रवादियों की छेड़खानी में बहुत फ़र्क होता है। लड़कियों के साथ देशद्रोहियों की छेड़छाड़ से जहां पाकिस्तानी आतंकी हाफ़िज़ सईद, चीन के विश्वासघाती चिन पिंग और उत्तर कोरिया के खूंखार तानाशाह किम जोंग को ताक़त मिलती है, वही राष्ट्रवादियों की छेड़छाड़ से देश में राष्ट्रवाद की जड़ें मज़बूत होती हैं। इसके साथ अगर गाय-गोबर-गोमूत्र, नोटबंदी, जी.एस.टी, महंगाई, बेरोज़गारी, पेट्रोल और रसोई गैस के बढ़ते भाव, रेल के डायनामिक टिकट रेट और सौ परसेंट एफ.डी.आई को भी जोड़ दिया जाय तो राष्ट्रवाद की भावना छलांग मारकर सौ गुना तक बढ़ जा सकती है। छेड़खानी का महत्व समझते हुए ही उत्तर प्रदेश के दूरदर्शी समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव प्रदेश की भलाई के लिए बलात्कार जैसे अपराध को भी लड़कों की गलती मानकर भूल जाने को तैयार थे। बी.एच यू के घोर राष्ट्रवादी माहौल में असहिष्णु लड़कियों की यह कैसी ज़मात खड़ी हो गई है जो छेड़खानी जैसे मामूली अपराध के लिए भी हमारे होनहार राष्ट्रवादी छात्रों के खिलाफ़ सीसीटीवी लगाने और उन्हें कठोर सज़ा देने की मांग पर अड़ी हुई है !
धन्य है बी.एच.यू का वह संघी वाईस चांसलर जो तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी सीना ठोक कर कहता फिर रहा है कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रवाद बनाए रखने के लिए वह किसी भी सीमा तक जाने को तैयार है ! #BHU

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