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समाज की बेड़ियाँ 

बहुत दिन बाद दिमाग पर कुछ चोट लगी जिसे अशआर की शकल में आपके सामने पेश करता हूँ !
बचपन से हमें मन घडंत बाते समझाई जाती है और हम मानसिक गुलाम बन कर रह जाते है , अर्ज किया है की-
बचपन से डाली गयी दिमाग पर बेड़यां ,
हम आज़ादी की चाह कहाँ तक करते !!
कदम कदम पर घसीटती है रस्में ,
रिश्ता टूट गया , निबाह कहाँ तक करते !!
हर शख्स ने मारा है ताक कर पत्थर मुझे
अजनबी थे शहर में,आह कहाँ तक करते !!
....... कुछ लोगो की आदत होती है जब तक किसी के काम में कोई कमी न निकाल दें उनका खाना हज़म नही होता - पेश है कि -
मेरे हर काम में निकाल देता है वो कमी ,
हम आदमी थे इसलाह कहाँ तक करते !!
.......... गुजरात , दादरी हत्या , बटला हॉउस इनकाउन्टर , मुजफ्फरनगर, हाशिमपुरा का कत्ले आम और फैजाबाद का प्रायोजीय दंगा सामने रख कर ये शेर देखें कि -
मेरे एक-एक तिनके पर जालिम की नजर थी ,
हम देश बचाने की परवाह कहाँ तक करते !!
मुझे अपनों ने महफ़िल से कर दिया बाहर अशरफ ,
उनकी शिकायत थी कि वाह-वाह कहाँ तक करते !!


My youtube videos link
jio फोन की अच्छाई- बुराई : https://youtu.be/q5b8Hh427H4
किसी भी सांसद से ऐसे संपर्क करें : https://youtu.be/s-hjI86nJIk
यूटूब वीडियो को मोबाइल गैलरी में कैसे सेव करें : https://youtu.be/A3FlGs-WfMM
आधार कार्ड को पैन कार्ड से कैसे लिंक करें : https://youtu.be/Vk_Tiitca6U
यह वीडियो आपकी जिंदगी बदल डालेगी : https://youtu.be/CTX9gdMZuXA
अगर ये आदत छोड़ दें तो आपका मोबाइल न हैंग होगा न खराब : https://youtu.be/LVPEt1XytjY
अपना आधार कार्ड संशोधन कैसे करें : https://youtu.be/lUoQZH8Ej8Y
यह वीडियो देखे, निराशा आपके पास फटक भी न पायेगी : https://youtu.be/PwcACZYJbK4



 

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